यह धारणा कि "अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण नहीं होता," एक आम गलतफहमी है जो कई लोग मानते हैं। इसका कारण उन तस्वीरों से हो सकता है, जहां अंतरिक्ष यात्री अंतरिक्ष स्टेशन या यान में बिना किसी रुकावट के तैरते हुए दिखाई देते हैं।
गुरुत्वाकर्षण: वास्तविकता और भ्रम

यह तस्वीर देखने में जितनी प्रेरणादायक है, उतनी ही भ्रामक भी। जब लोग अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) में अंतरिक्ष यात्रियों को तैरते हुए देखते हैं, तो अक्सर पहला ख्याल यह आता है कि वे "शून्य-गुरुत्वाकर्षण" के वातावरण में हैं। यह सोचने में आसान लगता है कि वहां गुरुत्वाकर्षण नहीं है, है ना?
गुरुत्वाकर्षण की सच्चाई
वास्तविकता इसके बिल्कुल विपरीत है। गुरुत्वाकर्षण सिर्फ पृथ्वी या अन्य खगोलीय पिंडों तक सीमित नहीं है। वास्तव में, यह वह बल है जो पूरे ब्रह्मांड में सभी वस्तुओं की गति को नियंत्रित करता है। यही कारण है कि ग्रह तारों की परिक्रमा करते हैं, और चंद्रमा ग्रहों की। न्यूटन के सार्वभौमिक गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के अनुसार, प्रत्येक द्रव्यमान दूसरे द्रव्यमान को आकर्षित करता है, और इसी आकर्षण को हम गुरुत्वाकर्षण कहते हैं। इसका गणितीय सूत्र है:
F=G(m1⋅m2)/(r^2)
जहां, F गुरुत्वाकर्षण बल है, G गुरुत्वाकर्षण स्थिरांक है, m1 और m2 वस्तुओं के द्रव्यमान हैं, और r उनके केंद्रों के बीच की दूरी है।
"शून्य-गुरुत्वाकर्षण" का भ्रम
जब अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की परिक्रमा करते हुए किसी यान में तैर रहे होते हैं, तब वे गुरुत्वाकर्षण से मुक्त नहीं होते। वास्तव में, ISS की ऊंचाई पर गुरुत्वाकर्षण बल पृथ्वी की सतह पर गुरुत्वाकर्षण का लगभग 90% होता है। तो फिर अंतरिक्ष यात्री तैरते क्यों दिखते हैं?
सरल उत्तर: मुक्त गिरावट (Freefall)
अंतरिक्ष यात्री और यान दोनों गुरुत्वाकर्षण के कारण लगातार पृथ्वी की ओर गिर रहे होते हैं। कल्पना करें कि आप एक गिरती हुई लिफ्ट में हैं; आपको भारहीन महसूस होगा क्योंकि आप और लिफ्ट, दोनों समान दर से गिर रहे हैं। ISS के मामले में, यह यान तेज़ गति से आगे बढ़ रहा है और गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे की ओर खींचा जा रहा है। इस संतुलन का परिणाम होता है—एक स्थिर कक्षा, जहां यान और उसके यात्री लगातार मुक्त गिरावट में रहते हैं।
विचार प्रयोग और उदाहरण
न्यूटन की तोप (Newton's Cannonball)
कल्पना करें कि एक तोप को एक ऊंचे पहाड़ से क्षैतिज रूप से दागा गया। अगर गति कम है, तो गोला थोड़ी दूरी पर गिर जाएगा। गति बढ़ाने पर वह और दूर जाएगा। अब, अगर गोले को पर्याप्त गति दी जाए (हवा के प्रतिरोध को नजरअंदाज करते हुए), तो वह पृथ्वी की परिक्रमा करना शुरू कर देगा। यही एक कक्षा (Orbit) का सिद्धांत है।
सैटेलाइट्स का उदाहरण
उपग्रह भी इसी सिद्धांत पर काम करते हैं। उन्हें पृथ्वी की सतह से लगभग 28,000 किमी/घंटा की गति से लॉन्च किया जाता है, ताकि उनका गुरुत्वाकर्षण खिंचाव और आगे की गति संतुलित हो सके। इस संतुलन के कारण वे कक्षा में स्थिर रहते हैं।
ब्रह्मांडीय संरचनाओं में गुरुत्वाकर्षण की भूमिका
गुरुत्वाकर्षण न केवल ग्रहों और चंद्रमाओं को नियंत्रित करता है, बल्कि यह आकाशगंगाओं, तारामंडलों और यहां तक कि आकाशगंगाओं के समूहों को भी स्थिर रखता है।
ब्लैक होल्स: गुरुत्वाकर्षण के चरम
ब्लैक होल्स गुरुत्वाकर्षण के चरम उदाहरण हैं। जब एक विशाल तारा अपने ही गुरुत्वाकर्षण के कारण ढह जाता है, तो एक ऐसा क्षेत्र बनता है जहां से प्रकाश भी नहीं निकल सकता। यह दर्शाता है कि गुरुत्वाकर्षण कितना शक्तिशाली हो सकता है।
गुरुत्वाकर्षण तरंगें
गुरुत्वाकर्षण तरंगों की खोज ने ब्रह्मांड को समझने का एक नया दृष्टिकोण दिया है। ये विशाल वस्तुओं, जैसे ब्लैक होल या न्यूट्रॉन तारों के विलय से बनने वाली समय-स्थान (Spacetime) में झिलमिलाहटें हैं।
अंतरिक्ष अन्वेषण में गुरुत्वाकर्षण की भूमिका
स्पेस मिशन और "ग्रेविटी असिस्ट"
गुरुत्वाकर्षण का उपयोग अंतरिक्ष यानों को गति देने या उनकी दिशा बदलने के लिए किया जाता है। इसे "ग्रेविटी असिस्ट" कहते हैं। यह प्रक्रिया ईंधन बचाने के साथ-साथ मिशन को कुशल बनाती है।
कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण की चुनौती
अंतरिक्ष में स्थिर कृत्रिम गुरुत्वाकर्षण बनाना एक बड़ी चुनौती है। वैज्ञानिक घूमने वाले आवास (Rotating Habitats) जैसी तकनीकों पर शोध कर रहे हैं ताकि माइक्रोग्रैविटी में अंतरिक्ष यात्रियों की मांसपेशियों और हड्डियों को होने वाले नुकसान को रोका जा सके।
गुरुत्वाकर्षण एक सार्वभौमिक बल है, जो न केवल पृथ्वी बल्कि पूरे ब्रह्मांड में कार्य करता है। "अंतरिक्ष में कोई गुरुत्वाकर्षण नहीं" जैसी अवधारणा इस बल की जटिलता को समझने में बाधा डालती है। जब हम गुरुत्वाकर्षण को समझते हैं, तो न केवल हम ब्रह्मांड की प्राकृतिक घटनाओं की सराहना करते हैं, बल्कि अंतरिक्ष तकनीक में भी नई ऊंचाइयां छूते हैं। चाहे वह उपग्रहों को कक्षा में स्थिर रखना हो या दूरस्थ आकाशगंगाओं की गतिशीलता को नियंत्रित करना, गुरुत्वाकर्षण हर जगह है।
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